राज्य की कार्यपालिका का प्रमुख राज्यपाल को कहा जाता है। लेकिन राज्यपाल केवल नाममात्र के ही प्रमुख होते हैं क्योंकि कार्यपालिका का वास्तविक प्रधान CM होता है।
CM ही अपने मंत्रिपरिषद के साथ मिलकर राज्य का शासन चलाता है।
आर्टिकल-164 के अनुसार राज्य का राज्यपाल विधानसभा में बहुमत वाली पार्टी के नेता को मुख्यमंत्री नियुक्त करता है। मुख्यमंत्री की सिफारिश पर ही अन्य मंत्रियों की नियुक्ति होती है।
मुख्यमंत्री को शपथ राज्य का राज्यपाल दिलाता है। CM को अपने पद पर रहते हुए कर्तव्यों का पालन करने और गोपनीयता की शर्त दिलाई जाती है।
CM का Full Form
मुख्यमंत्री को इंग्लिश में CM अर्थात Chief Minister कहा जाता है। CM राज्य का प्रमुख होता है।
राज्य से संबंधित सभी विकास कार्यो की प्रमुख जिम्मेदारी CM की होती है।
जनहित के लिए बनाई गई योजनाओं को पास करके लागू करवाने का कार्य CM का होता है।
राज्य में विकास कार्यों से संबंधित बजट संबंधी फैसलों को मंजूरी भी CM ही देता है।
CM बनने के लिए जरूरी शर्तें
CM पर का उम्मीदवार भारत का नागरिक होना चाहिए।
CM पर का उम्मीदवार 25 वर्ष की आयु पूरी कर चुका हो।
CM पर का उम्मीदवार विधानमंडल के दोनों सदनों (विधानसभा और विधानपरिषद) में से किसी एक का सदस्य होना चाहिए।
मुख्यमंत्री का कार्यकाल
मुख्यमंत्री का कार्यकाल वैसे तो 5 वर्ष के लिए निर्धारित है लेकिन CM के कार्यकाल को संविधान में अनिश्तिकाल बताया गया है, क्योंकि-
CM को विधानसभा में बहुमत खत्म होने की स्थिति में त्यागपत्र देना पड़ता है।
CM यदि अपने पद से त्यागपत्र दे देता है या उसकी मृत्यु हो जाती है तो ऐसी स्थिति में राज्य की मंत्रिपरिषद भी स्वतः भंग हो जाती है।
मुख्यमंत्री की शक्तियां एवं कार्य
मुख्यमंत्री की शक्तियां एवं कार्य चार भागों में समझी जा सकती हैं।
1) मंत्रिपरिषद के संबंध में शक्तियां
2) राज्यपाल के संबंध में शक्तियां
3) विधानमंडल के संबंध में शक्तियां
4) अन्य शक्तियां
1) मंत्रिपरिषद के संबंध में शक्तियां
- मुख्यमंत्री अपनी मंत्रीपरिषद का प्रमुख होता है।
- मंत्रीपरिषद और मुख्यमंत्री का निर्णय एक ही माना जा है। अर्थात मुख्यमंत्री का निर्णय ही आखिरी होता है।
- मंत्रियों की नियुक्ति का मुख्य अधिकार मुख्यमंत्री के पास ही होता है। अर्थात राज्यपाल केवल उन्ही व्यक्तियों को मंत्री पद पर नियुक्त कर सकते हैं जिनकी सिफारिश मुख्यमंत्री ने की हो।
- मंत्रियों के विभागों का वितरण और फेरबदल मुख्यमंत्री ही करते हैं।
- मंत्रिपरिषद में किसी मंत्री के मतभेद होने की स्थिति में मुख्यमंत्री उस मंत्री को त्यागपत्र देने के लिए कह सकते हैं। या राज्यपाल के समक्ष उस मंत्री को बर्खास्त करने का परामर्श प्रस्तुत कर सकते हैं।
- यदि कोई मंत्री भ्रष्टाचार में लिप्त पाया जाता है या देश हित में कार्य न करे तब भी मुख्यमंत्री उस मंत्री को त्यागपत्र देने के लिए कह सकते हैं।
- मंत्रिपरिषद और मंत्रिमंडल की बैठकों की अध्यक्षता मुख्यमंत्री ही करते हैं।
- मंत्रियों की कार्य में सहायता, मार्गदर्शन, और नियंत्रण रखने का कार्य मुख्यमंत्री का होता है।
2) राज्यपाल के संबंध में शक्तियां
- मंत्रिपरिषद और राज्यपाल के बीच की कड़ी का कार्य मुख्यमंत्री करते हैं।
- मुख्यमंत्री का यह कर्तव्य होता है कि वह राज्य के प्रशासन और कानून व्यवस्था सम्बंधी जानकारी राज्यपाल को उपलब्ध कराए।
- राज्य के महत्वपूर्ण अधिकारियों जैसे- महाधिवक्ता, राज्य लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष और उनके सदस्यों के अलावा राज्य निर्वाचन आयुक्त की नियुक्ति राज्यपाल मुख्यमंत्री की सलाह पर ही करते हैं।
3) विधानमंडल के सम्बन्ध में शक्तियां
मुख्यमंत्री किसी भी समय राज्यपाल से विधानसभा को भंग करने की सिफारिश कर सकते हैं।
4) अन्य शक्तियां
- CM राज्य योजाना बोर्ड का अध्यक्ष होता है।
- CM अंतर्राजीय परिषद, राष्ट्रीय विकास परिषद और नीति आयोग की गर्वनिंग काउंसिल का सदस्य होता है।
इस लेख में हमने आपको CM पद के बारे में विस्तार से जानकारी उपलब्ध कराई जैसे- CM की फुल फॉर्म (CM full form in hindi), CM बनने के लिए जरूरी शर्तें, CM का कार्यकाल, CM की शक्तियां और कार्य जैसी जरूरी जानकारी सांझा की। उम्मीद करते हैं कि आपको यह जानकारी पसंद आई होगी। यदि आपको इस लेख से संबंधित कोई प्रश्न हो तो हमें कमेंट बॉक्स में बताएं हम आपके प्रश्नों का उत्तर देने की कोशिश करेंगे