दालचीनी (Cinnamon) को हर घर में मसाले के तौर पर प्रयोग किया जाता है लेकिन दालचीनी अपने औषधीय गुणों के लिए भी प्रयोग की जाती है।
कई रिसर्च में यह साबित भी हो चुका है कि यदि प्रति व्यक्ति 120 मि.ग्रा. हर रोज दालचीनी का सेवन करता है तो उनमें कोलेस्ट्रोल होने की संभावना काफी कम हो जाती है।
आज के इस लेख में हम आपको बताएंगे कि दालचीनी क्या है (What is Cinnamon in Hindi), दालचीनी के फायदे (Benefits of Dalchini), प्रयोग विधि (how to use dalchini), किस्में और संभव नुक्सान (dalchini side effects) –
मुख्य बिंदु
- दालचीनी क्या है?
- दालचीनी में कौन-कौन से औषधीय गुण होते हैं ?
- दालचीनी के फायदे
- दालचीनी की प्रयोग विधि
- दालचीनी की विभिन्न किस्में
- दालचीनी के अलग-अलग नाम
- दालचीनी को कहां उगाया जाता है
- दालचीनी के नुक्सान
दालचीनी क्या है? (What is Cinnamon in hindi) (Dalchini kya hai hindi me)
दालचीनी के पेड़ की छाल को गरम मसाले के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है। इसका पेड़ तकरीबन 10 से 15 मी. ऊंचा होता है। आज भी कई गावों में इसकी पत्तियों के तेल का प्रयोग मच्छर भगाने के लिए भी किया जाता है।
दालचीनी सिन्नेमोमन ज़ाइलैनिकम ब्राइन (Cinnamomun Zeylanicum Breyn) नाम के पेड़ की छाल को कहा जाता है। वहीं इस पेड़ की पत्तियों का प्रयोग सुगंधित और औषधीय तेल बनाने के लिए किया जाता है।
दालचीनी का प्रयोग भारत में मसालों के तौर पर हजारों वर्षों से हो रहा है। दालचीनी का प्रयोग चॉकलेट बनाने में भी किया जाता है। दालचीनी श्रीलंका और दक्षिण भारत में काफी मात्रा में उगाई जाती है।
दालचीनी में कौन-कौन से औषधीय गुण होते हैं ?
दालचीनी के औषधीय गुणों की बात की जाए तो इतना तक कहा जाता है कि यदि आप रोगों से दूर रहना चाहते हैं तो दालचीनी का प्रयोग अपने रोज के खाने में जरूर करें इससे आपका शरीर चुस्त-तंदरुस्त और फुर्तीला बनता है।
दालचीनी हमारे शरीर को कई तरह के संक्रामक रोगों से बचाती है। साथ ही बॉडी-टिशू को भी रिपेयर करती है। गठिया की समस्या से छुटकारा दिलाती है। दालचीनी हार्ट को भी स्वस्थ रखने में काफी कारगार होती है।
दालचीनी शरीर के अंदर पाई जाने वाले फ्री रेडिक्लस को भी खत्म करता है। फ्री रेडिक्लस अर्थात ऐसी सिंगल सेल कोशिकाएं जो बहुत जल्दी अन्य हार्मफुल कोशिकाएं तैयार कर देतीं हैं जिनसे शरीर की स्वस्थ कोशिकाओं को नुक्सान पहुंचता है।
दालचीनी पाउडर में सबसे अच्छे एंटि-ऑक्सिडेंटस पाए जाते हैं। यह आपको टाईप-2 डाईबीटीज से भी बचाती है। यदि शुगर के मरीज शुगर-फ्री टेब्लेट्स की जगह दालचीनी का प्रयोग करें तो इससे उनका इंसुलिन रजिस्टेंस कम होगा जिससे शुगर लेवल भी व्यवस्थित रहेगा।
दालचीनी के फायदे (Benefits of Cinnamon in Hindi)
दालचीनी के आयुर्वेद में अनगिनत फायदे बताए गए हैं जिनमें से कुछ का वर्णन हम यहां कर रहे हैं।
- दालचीनी के एक चम्मच हिस्से में करीब 6 कैलोरी होती है इसमें बहुत सारे मिनरल पाए जाते हैं जो हमारी बॉडी के लिए बहुत जरूरी होते हैं। जैसे- पोटेशियम, आयरन, मैग्नेशियम, इसके अलावा इसमें विटामिन-A, विटामिन-B, जिंक, कैलोरी और कार्बोहाईड्रेट, पाया जाता है।
- दालचीनी को एंटी ऑक्सीडेंटस और हेल्थ बेनीफिटस फूड की कैटीगिरी में विश्व भर में 7 वें नंबर पर रैंक किया गया है।
- दालचीनी मे प्रोपियोनिक एसिड पाया जाता है जो हमारे पाचन तंत्र को स्वस्थ और सही करता है।
- इसमें एंटि-फंगल एक्टिविटी भी पाई जाती है जिससे कई तरह के फंगल इंफेक्शन को ठीक करने में मदद मिलती है।
- दालचीनी को इसके औषधीय गुणों की वजह से ही इसे हेल्थ की श्रेणी में डाला गया है। दालचीनी को पानी में उबाल कर पीने से भी काफी फायदा मिलता है।
- दालचीनी भूख बढ़ाती है, इसके प्रयोग से दांत के दर्द में भी आराम मिलता है।
- खांसी को ठीक करती है साथ ही पेट के रोगों से भी आराम दिलाती है।
दालचीनी की प्रयोग विधि (How to use Cinnamon in Hindi)
दालचीनी को लेने के वैसे तो कई तरीके हैं लेकिन यदि निम्न दिए गए इन कुछ तरीकों से इसका प्रयोग किया जाए तो काफी फायदेमंद साबित हो सकता है। जैसे :-
- यदि आपको भूख नहीं लगती तो दालचीनी, शुंठी चूर्ण और इलायची को 500 मि.ग्रा. की बराबर-बराबर मात्रा में लेकर पीस कर भोजन से पहले सुबह शाम लेने से भूख बढ़ती है।
- कई लोगों को आंखों के लगातार फड़फड़ाने से दिक्कत होती है, इसके लिए आप यदि दालचीनी का तेल आंखों पर लगाएंगे तो आपको इस परेशानी से तो निजात मिलेगी साथ ही आंखों की रोशनी भी बढ़ेगी।
- यदि आप वजन कम करना चाहते हैं तो दालचीनी को शहद के साथ मिलाकर गुनगुने पानी के साथ लेने से वजन भी कम होता है। क्योंकि इसको खाकर हमारे शरीर में ऐसे हार्मोन पैदा होते हैं जो हमारी भूख को कम करते हैं। साथ ही दालचीनी फैटी खाने के बुरे प्रभावों को भी कम करता है।
- दालचीनी के चुटकी भर पाउडर को गाय के दूध के साथ लेने से हाई ब्लड-प्रैशर की समस्या का भी समाधान होता है।
- दालचीनी के पाउडर को शहद में मिलाएं बाद में थोड़ा सा गर्म पानी पी लें। इससे शरीर के तकरीबन 50 तरह के रोगों से छुटकारा मिलता है।
- मुंह के मुहांसों से छुटकारा पाने के लिए दालचीनी के दो-तीन टुकड़े महीन पीस लें, अब इसमें एलुवेरा जेल मिलाकर पेस्ट बनाकर इसे चेहरे पर लगाने से मुहासों से बहुत जल्दी छुटाकारा मिलता है।
- दांत दर्द होने पर दालचीनी के तेल को लगाने से राहत मिलती है। इसके अलावा इसके पत्तों को पीसकर दांतों पर रगड़ने से दांतों का पीलापन भी गायब हो जाता है।
- यदि आपके सिर में अक्सर दर्द रहता है तो दालचीनी के 8 से 10 पत्तों का लेप बनाकर लगाने से सर दर्द में राहत मिलती है। यदि आप इसके तेल से सर की मालिश करें तो सर्दी या गर्मी से होने वाली सिर दर्द से भी राहत मिलती है।
- पानी के साथ दालचीनी को घिस कर गर्म करके लेप के तौर पर लगाने से जुकाम से भी निजात मिलती है।
- दालचीनी को त्रिकुट, पीपरामूल, इलायची, अकरकरा और तेजपत्ते के 1 से 2 ग्राम चूर्ण को शहद के साथ लेने से महिलाओं को प्रसव के बाद होने वाली बीमारियों से भी छुटकारा मिलता है।
दालचीनी की विभिन्न किस्में (Different varieties of Cinnamon in Hindi)
दालचीनी की कुछ किस्मों की बात करें तो इसकी प्रमुख 5 किस्में हैंजो कि निम्न अनुसार है –
- कैसिया (कैसिया या चाईनीज दालचीनी जिसका प्रयोग खाद्य पद्रार्थों में सबसे ज्यादा और आमतौर पर होता है।)
- सी। बर्मनमनी (इंडोनेशियाई दालचीनी)
- सी। लौरोईओ (वियतनामी कैसिया)
- सी। वेरम (श्रीलंकन दालचीनी)
- सी। सिट्रियोडोरम (मालाबार दालचीनी)
दालचीनी के अलग-अलग नाम (Different names of cinnamon in India)
दालचीनी को अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग नामों से जाना जाता है। दालचीनी को हिंदी में दारुचीनी, दारचीनी, दालचीनी के नाम से जाना जाता है।
इसके अलावा दालचीनी को संस्कृत में चोचम, स्वाद्वी, दारुसिता के नाम से, इंग्लिश में सिनेमोन, उर्दु में दारचीनी, कन्नड़ में लावंगा चाके, तेजदालचीनी, उड़िया में दालोचीनी, गुजराती में तज, तमिल में लवंग पत्तै, तेलगु में लंवगमु, पंजाबी में दाचीनी, किरफा और मलयालम में वरनम कहते हैं।
दालचीनी को कहां उगाया जाता है (Where is Cinnamon grown in Hindi)
दालचीनी को जुलाई से दिसम्बर के माह में उगाया जाता है। इसके अलावा दक्षिण-पश्चिम भारत के समुद्री तटीय इलाकों के अलावा कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु और केरल जैसे निचले पहाड़ी क्षेत्रों में भी इसकी खेती की जाती है। इसके पत्ते हरे-चमकीले और गुलाबी रंग के होते हैं।
दालचीनी के नुक्सान (Side effects of Cinnamon in Hindi)
यदि किसी भी चीज को जरूरत से ज्यादा लिया जाए तो वह भी जहर बन कर शरीर को नुक्सान पहुंचाती है। इसी तरह दालचीनी के भी कुछ नुक्सान हैं जो निम्न दिए गए हैं –
- दालचीनी को प्रति व्यक्ति 2 से 3 ग्राम से ज्यादा नहीं लेना चाहिए नहीं तो यह आपके लीवर को नुक्सान पहुंचा सकता है।
- गर्भवती महिलाओं को गर्भ के समय दालचीनी का सेवन नहीं करना चाहिए इससे गर्भपात भी हो सकता है।
- यदि दालचीनी को ज्यादा मात्रा में लिया जाए तो सिर में दर्द बढ़ने की समस्या हो सकती है। इसलिए इसे डॉक्टर के परामर्श अनुसार ही लेना चाहिए।
हमें उम्मीद है की आपको हमारा यह लेख काफी पसंद आया होगा और आपको आपके प्रश्न दालचीनी क्या है(What is Cinnamon in Hindi), दालचीनी के फायदे (Benefits of Dalchini), प्रयोग विधि (how to use dalchini), किस्में और संभव नुक्सान (side effects of dalchini) का उत्तर मिल गया होगा और उसके साथ ही अन्य रोचक जानकारियां भी पसंद आयी होंगी अगर आप इस सम्बन्ध में कोई और जानकारी चाहते हैं तो नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स में अपना कमेंट लिख के सब्मिट करें और हम जल्द ही आपके सवाल का जवाब देंगे और अगर आपको हमारा ये लेख पसंद आया तो लाईक करें और शेयर करें।