भारत के वर्तमान शिक्षा मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक हैं। डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक मूलत: उत्तराखण्ड के रहने वाले हैं। हरिद्वार से रमेश पोखरियाल निशंक सांसद है।
उत्तराखंड के अलग राज्य बनने के बाद यह पहला अवसर था की जब राज्य के किसी सांसद को सीधे कैबिनेट मंत्री बनाया गया है।
निशंक अविभाजित उत्तर प्रदेश में भाजपा सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे। उत्तराखंड के अलग राज्य बनने पर वह अंतरिम सरकार में वित्त समेत कई विभागों के मंत्री बने।
वर्ष 2007 में भाजपा के राज्य में सत्ता में आने पर उन्हें स्वास्थ्य मंत्री का जिम्मा दिया गया।
बतौर सांसद अपने पांच साल के कार्यकाल के दौरान निशंक सदन में खासे सक्रिय रहे। उन्हें लोकसभा की सरकारी आश्वासन समिति के सभापति का दायित्व दिया गया।
निशंक लोकसभा में उत्तराखंड के सबसे ज्यादा सक्रिय सांसद के रूप में नजर आए। ये ही तमाम कारण रहे कि उन्हें अब टीम मोदी में कैबिनेट मंत्री के रूप में शामिल किया गया।
परिचय :
- डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक, सांसद (हरिद्वार, उत्तराखंड)
- पिता- स्व. परमानंद पोखरियाल
- मां- स्व. विशंभरी देवी
- जन्म- 15 जुलाई 1959
- जन्म स्थान- पिनानी, पौड़ी गढ़वाल
- शादी- 7 मई 1985
- पत्नी- कुसुमकांता
- शिक्षा- एमए, पीएचडी(ऑनर्स), डी. लिट(ऑनर्स), हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल यूनिवर्सिटी श्रीनगर।
साल 1991 में पहली बार उत्तर प्रदेश में कर्णप्रयाग विधानसभा क्षेत्र से विधायक निर्वाचित। जिसके बाद लगातार तीन बार विधायक बने।
साल 1997 में उत्तर प्रदेश सरकार में कल्याण सिंह मंत्रिमंडल में पर्वतीय विकास विभाग के मंत्री बने।
साल 1999 में रामप्रकाश गुप्त की सरकार में संस्कृति पूर्त व धर्मस्व मंत्री।
2000 में उत्तराखंड राज्य निर्माण के बाद प्रदेश के पहले वित्त, राजस्व, कर, पेयजल सहित 12 विभागों के मंत्री।
वर्ष 2007 में उत्तराखंड सरकार में चिकित्सा स्वास्थ्य, भाषा तथा विज्ञान प्रौद्योगिकी विभाग के मंत्री।
वर्ष 2009 में उत्तराखंड के सबसे युवा मुख्यमंत्री।
वर्ष 2012 में डोईवाला (देहरादून) क्षेत्र से विधायक निर्वाचित।
वर्ष 2014 में डोईवाला से इस्तीफा देकर हरिद्वार लोकसभा क्षेत्र से सांसद निर्वाचित। निशंक एक कवि भी हैं।
रमेश पोखरियाल “निशंक” भारतीय जनता पार्टी से संबंधित एक भारतीय राजनेता हैं।
वे 2009 से 2011 तक उत्तराखंड के मुख्यमंत्री थे। वे वर्तमान में 16 वीं लोक सभा में संसद सदस्य हैं। वे लोकसभा में उत्तराखंड के हरिद्वार संसदीय निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं और भारतीय जनता पार्टी के सदस्य हैं।
भारत के पहले शिक्षा मंत्री मौलाना आजाद अबुल कलाम आजाद थे। मौलाना अबुल कलाम का जन्म 11 नवंबर 1888 में हुआ था। वर्ष 1950 में मौलाना आजाद की अगुवाई में साहित्य अकादमी, संगीत नाट्य अकादमी, ललित कला अकादमी का गठन किया गया था।
1923 में वे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सबसे कम उम्र के प्रेसीडेंट बने। वे 1940 और 1945 के बीच कांग्रेस के प्रेसीडेंट रहे।
आजादी के बाद वे भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के रामपुर जिले से 1952 में सांसद चुने गए और वे भारत के पहले शिक्षा मंत्री बने।
उनके सम्मान में 11 नवंबर को ‘राष्ट्रीय शिक्षा दिवस’ के रूप में मनाया जाता है। शिक्षामंत्री रहते हुए मौलाना आजाद ने शिक्षा और संस्कृति को विकसित करने के लिए उत्कृष्ट काम किया।
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