डीईओ (DEO) की फुल फोर्म डिस्ट्रिक एजुकेशन ऑफिसर (District Education Officer) हैं, हिन्दी में कहें तो जिला शिक्षा अधिकारी।
जिला शिक्षा अधिकारी का पद विभिन्न राज्य सरकारों के शिक्षा विभाग के एजूकेशन में जिला स्तरीय प्रशासनिक पद होता है।
ज्यादातर मामलों में जिला शिक्षा अधिकारी के पद पर उम्मीदवारों का चयन सम्बन्धित राज्य के लोक सेवा आयोग द्वारा किया जाता है।
जिला शिक्षा अधिकारी के पदों पर भर्ती राज्य के लोक सेवा आयोगों द्वारा प्रत्येक वर्ष आयोजित की जाने वाली राज्य स्तरीय सिविल सेवा परीक्षा के माध्यम की जाती है।
जिला शिक्षा अधिकारी के कार्यों में तैनाती के जिले में शिक्षा से जुड़े प्रशासनिक कार्यों की देख-रेख, जिले के प्रत्येक सरकारी विद्यालय में अध्यापकों की नियुक्ति, उपस्थिति, प्रोन्नति, निरीक्षण, अनियमितता की स्थित में कार्यवाई, शिक्षा से जुड़ी नीतियों एवं कार्यक्रमों की समुचित पालन सुनिश्चित करना, आदि शामिल हैं।
जिला शिक्षा अधिकारी बनने के लिए जरूरी है कि उम्मीदवार को किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय या संस्थान से किसी भी विषय में स्नातक डिग्री उत्तीर्ण होना चाहिए।
जिला शिक्षा अधिकारी के पद पर उम्मीदवारों का चयन आमतौर पर शैक्षणिक रिकॉर्ड, लिखित परीक्षा – प्रारंभिक (ऑब्जेक्टिव टाइप एवं मल्टीपल च्वाइस), लिखित परीक्षा – मुख्य (कन्वेंशनल टाइप) और इंटरव्यू (पर्सनॉलिटी टेस्ट) के आधार पर किया जाता है।
लिखित परीक्षा अनिवार्य विषयों (सामान्य हिंदी, सामान्य ज्ञान, सामान्य अंग्रेजी) और वैकल्पिक विषयों जैसे – एग्रीकल्चर, केमिस्ट्री, इंजीनियरिंग, फॉरेस्ट्री, हॉर्टिकल्चर, फिजिक्स, वेटेरिनरी, साइंस, बॉटनी, कंप्यूटर अप्लीकेशन साइंस, एन्वार्यमेंटल साइंस, जियोलॉजी, मैथमेटिक्स, स्टैटिस्टिक्स, जूलॉजी, आदि से प्रश्न पूछे जाते हैं।
जिला शिक्षा अधिकारी का पद विभिन्न राज्य सरकारों के शिक्षा विभाग के एजूकेशन में जिला स्तरीय प्रशासनिक पद होता है।
जिला शिक्षा अधिकारी के पद के लिए उम्मीदवारों को चयन सम्बन्धित राज्य के लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित सिविल सेवा परीक्षा के माध्यम से किया जाता है।
राज्य सिविल सेवा परीक्षा के लिए विज्ञापन हर वर्ष सम्बन्धित राज्य के लोक सेवा आयोग द्वारा निकाला जाता है। हर राज्यों में जिला शिक्षा अधिकारी के लिए अलग-अलग पद होते हैं।
राजस्थान की बात करें तो राजस्थान में जिला शिक्षा अधिकारी के वर्तमान में तीन पद हैं।
जिला प्रारंभिक शिक्षा अधिकारी, जिला माध्यमिक शिक्षा अधिकारी तथा मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी। जिला प्रारंभिक शिक्षा अधिकारी का कार्य कक्षा 1 से लेकर 8 तक की शिक्षा व्यवस्था का कार्य देखना हैं।
सरकारी विद्यालयों में कक्षा 1 से लेकर कक्षा 8 तक की प्रारंभिक शिक्षा के शिक्षकों की नियुक्ति करना हैं। जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक का कार्य कक्षा 9 से लेकर 12 तक की कार्यप्रणाली को देखना हैं।
सरकारी स्कूलों में कक्षा 9 से लेकर 12 तक की बोर्ड परीक्षाओं की व्यवस्था, सरकारी स्कूलों में पाठ्य पुस्तकों को देखना शामिल हैं।
इन सबके ऊपर मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी होता हें, जो कि पूरे जिले की शिक्षा व्यवस्था को देखता हैं।
जिला शिक्षा अधिकारी निजी स्कूल खोलने के लिए भी अनुमति देता हैं, जिसके लिए संबंधित व्यक्ति को अप्लाई करना होता हैं।
जिला शिक्षा अधिकारी के पद पर भर्ती के अलावा प्रमोशन भी रास्ता हैं। शिक्षक भर्ती में प्रमोशन के जरिए जिला शिक्षा अधिकारी के पद पर पहुंचा जा सकता हैं।
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DEO के बारे में आपने बहुत ही अच्छा जानकारी प्रदान किया है।
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आपके द्वारा दी गई जानकारी को पढ़कर मुझे बहुत अच्छा लग रहा है धन्यवाद सर
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