पेट और आंतो में अल्सर एक गंभीर बीमारी है, जिसका समय रहते इलाज किया जाना चाहिए।
इलाज में लापरवाही के कारण समस्या गंभीर हो सकती है इसलिए जब मरीज़ डॉक्टर के पास इलाज के लिए जाता है, तब डॉक्टर रेनिटीडीन (Ranitidine) दवा की सलाह देते हैं।
ये आसानी से मेडिकल स्टोर पर उपलब्ध है।
अल्सर के लिए दिए जाने वाली दवाओं में रेनिटीडीन (Ranitidine) प्रमुख रूप से शामिल है।
इसके सेवन की डॉक्टर सलाह देते हैं। इस लेख में हम इसी दवा के बारे में बात करेंगे।
रेनिटीडीन (Ranitidine) क्या होती है? इसका इस्तेमाल कब और कैसे किया जाता है? इसे इस्तेमाल करने के फायदे और नुकसान क्या हैं? इन सभी सवालों के जवाब हम आपको देने की कोशिश करेंगे।
किन बीमारियों में होता है रेनिटीडीन (Ranitidine) का इस्तेमाल
रेनिटीडीन (Ranitidine) का इस्तेमाल पेट व आंतों के अल्सर को जड़ से खत्म करने व पेट में बनने वाले एसिड जैसे इरोसिव एसोफैगिटिस या जोलिंगर- एलिसन की वजह से पेट और गले में होने वाली समस्याओं के इलाज व रोकथाम के लिए होता है।
कैसे करें रेनिटीडीन (Ranitidine) का उपयोग व सावधानियां
रेनिटीडीन (Ranitidine) को रोजाना एक निश्चित समय पर लिया जाता है।
इसे खाली पेट या खाने के साथ खाने की सलाह दी जाती है। दवा की खुराक लिंग, आयु व वजन के मुताबिक डॉक्टर तय करते हैं।
इसलिए खुराक व उपयोग की सही विधि के बारे में चिकित्सीय परामर्श आवश्यक है। एक दिन में दो से ज्यादा गोलियों का सेवन न करें।
कैसे काम करती है रेनिटीडीन (Ranitidine)
रेनिटीडीन (Ranitidine) का इस्तेमाल एच-2 हिस्टामिन अवरोधक के रूप में किया जाता है, जो पेट में एसिड की मात्रा को कम करके अल्सर को ठीक करने व दोबारा होने से रोकता है।
रेनिटीडीन (Ranitidine) को कहां स्टोर करें
रेनिटीडीन (Ranitidine) को कमरे के सामान्य तापमान 10 से 30 डिग्री के बीच में रखना चाहिए।
सीधे धूप या नमी से बचाकर इसे रखना चाहिए। इसके अलावा दवा के एक्सपायर होने पर इसे फेंके नहीं।
इसे बच्चों की पहुंच से दूर रखें।
रेनिटीडीन (Ranitidine) के दुष्प्रभाव
रेनिटीडीन (Ranitidine) के सेवन से कुछ दुष्प्रभाव देखने को मिले हैं, जिनपर नज़र बनाई रखनी चाहिए।
समस्या बढ़ने पर डॉक्टर से संपर्क करें। रेनिटीडीन (Ranitidine) के सेवन से होने वाले साइड इफेक्ट्स कुछ इस प्रकार हैं-
- सीने में दर्द
- सांस लेने में तकलीफ
- हरे व पीले बलगम के साथ खांसी
- खून बहना
- असामान्य कमज़ोरी
- नज़र का धुंधला आना
- बुखार
- गले में खराश या छाला
- पेट में दर्द
किन मरीज़ों के लिए नहीं है रेनिटीडीन (Ranitidine)
कुछ रोगियों को रेनिटीडीन (Ranitidine) के इस्तेमाल से पहले सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है, जिन पर इस दवाई के दुष्परिणाम देखने को मिल सकते हैं।
जिन मरीज़ों को रेनिटीडीन (Ranitidine) का सेवन नहीं करना चाहिए, वह इस प्रकार हैं –
- किडनी की समस्या से पीड़ित मरीज़
- लिवर की समस्या वाले मरीज़
रेनिटीडीन (Ranitidine) के प्रकार
रेनिटिडिन (Ranitidine) कई प्रकार से बाज़ार में उपलब्ध है।
केवल टैबलेट ही नहीं अन्य तरीकों से भी इसका इस्तेमाल किया जा सकता है। वो इस प्रकार हैं-
- रेनिटीडीन (Ranitidine) टैबलेट 25 मि.ग्रा., 75 मि.ग्रा., 150 मि.ग्रा. व 300 मि.ग्रा.
- रेनिटीडीन (Ranitidine) कैप्सूल 150 मि.ग्रा. व 300 मि.ग्रा.
- रेनिटीडीन (Ranitidine) इंजेक्शन 50 मि.ग्रा./2मि.ली., 150 मि.ग्रा./6 मि.ली. व 1000 मि.ग्रा./40मि.ग्रा.
अंतिम शब्द
अल्सर की रोकथाम की दवा के तौर पर रेनिटीडीन (Ranitidine) एक अच्छा विकल्प है।
हालांकि इसके कुछ दुष्प्रभाव भी हैं, जिन्हें नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता।
लिहाज़ा केवल डॉक्टर की सलाह पर ही इसका इस्तेमाल करें, ताकि आप सही इलाज ले सकें।
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