सेज को सुंगधित और हर्बल गुणों वाला औषधीय पौधा कहा जाता है।
भारत के अलावा कई अन्य देशों में सेज के पत्तों को मसाले के तौर पर भी इस्तेमाल किया जाता है। इसका ज्यादातर प्रयोग आयुर्वेदिक औषधियां बनाने में किया जाता है।
सेज के पत्ते माइग्रेन, डिप्रेशन और अल्जाइमर जैसी गंभीर बीमारियों के इलाज में काफी कारगार समझे जाते हैं।
सेज के पौधे को बड़ी आसानी से गमलों में भी उगाया जा सकता है। आज के इस लेख में हम आपको सेज के पत्तों के कुछ औषधीय फायदे (benefits of sage leaves) और इनकी प्रयोग विधी से अवगत कराएंगे साथ ही सेज के पत्तों के कुछ नुक्सान (sage leaves side effects) भी बताएंगे ।
मुख्य बिंदु
- सेज के पत्तों के फायदे
- सेज के पत्तों की प्रयोग विधि
- सेज के कुछ प्रकार
- सेज के पत्तों के कुछ नुक्सान
सेज के पत्तों के फायदे (Benefits of Sage Leaves in Hindi)
- सेज की पत्तियों के हर रोज सेवन से सर्दी-जुकाम की समस्या से राहत मिलती है।
- सेज के पत्ते अस्थमा जैसी बीमारी से ग्रसित लोगों को भी काफी फायदा पहुंचाते हैं।
- आयुर्वेदिक औषधी के रूप में सेज के पत्तों का प्रयोग दिमागी बीमारियों को ठीक करने में किया जाता है।
- जोड़ों के दर्द से राहत पाने के लिए सेज के तेल से मालिश की जाती है। एसा करने से जोड़ों के दर्द में काफी राहत मिलती है।
- सेज के पत्तों से बनी चाय या काढ़ा महिलाओं में मीनोपॉज के दौरान होने वाली परेशानी तथा दर्द को कम करने में भी सहायक होता है।
- सेज के पत्तों को सुखा कर बने तेल का प्रयोग कई दवाईयों को बनाने में भी इस्तेमाल किया जाता है।
- सेज के पत्तों में पाए जामे वाले एंटिबैक्टीरियल गुणों के कारण इसे खाने के बाद माउथ फ्रेशनर की तरह इस्तेमाल किया जा सकता है। यह मुंह के बैक्टीरिया का खात्मा करके मुंह से आने वाली दुर्गंघ की समस्या से छुटकारा दिलाता है।
- वजन कम करने के लिए भी सेज के पत्तों का इस्तेमाल किया जाता है क्योंकि इनमें फाइबर प्रचूर मात्रा में होता है। इसलिए पेट को भरा रखने के लिए सेज के पत्तों का काढ़ा बनाकर सेवन किया जाता है ताकि भूख कम लगे।
- सेज के पत्तो में एंटीबायोटिक गुण भी भरपूर मात्रा में होते है। सर्दी-खांसी या गले में खरास की समस्या होने पर सेज बहुत लाभदायक साबित होती है।
- सेज के पत्तों में एंटीऑक्सीडेंट, एंटी इंफ्लेमेटरी, और एंटी बायोटिक गुण पाए जाते हैं जिससे त्वचा को सुंदर और स्वस्थ बनाने में प्रयोग किया जा सकता है।
सेज के पत्तों की प्रयोग विधि (How to Use Sage Leaves in Hindi)
त्वचा को जवां और सुंदर, मुलायम बनाए रखने के लिए सेज के पत्तों को अच्छे से पीसकर इसका एक पेस्ट तैयार कर लें फिर इसके पेस्ट में थोड़ा सा शहद मिलाकर इस पेस्ट को तकरीबन 15 मिनट तक चेहरे पर लगाएं। सूखने पर पानी से धो लें। इस पेस्ट का प्रयोग हफ्ते में एक बार करने से त्वचा में फर्क देखने को मिलेगा और त्वचा भी सुंदर और मुलायम नजर आएगी।
सेज के पत्तो को उबालकर, उस पानी से कुल्ला करें। इससे मुंह के हार्मफुल बैक्टीरिया का खात्मा होने के साथ मुंह भी साफ होगा।
सेज के पत्तों की कोमल कलियों को तोड़ कर खाने से, मौसमी इंफेक्शन से भी बचा जा सकता है। क्योंकि सेज के पत्तों में एंटीबायोटिक गुण पाए जाते हैं।
यदि दांत में दर्द की समस्या है तो सेज के पत्तों को लौंग के साथ पानी में उबाल लें। इस पानी से कुल्ला करने पर दांत दर्द से भी राहत मिलती है।
महिलाओं में मीनोपॉज के दौरान कमजोरी और जोड़ों में दर्द आदि की परेशानी से छुटकारा पाने के लिए सेज के पत्तों का सीरप बनाकर या उन्हें पीस कर खाने से काफी आराम मिलता है।
जोड़ों के दर्द से राहत पाने के लिए या किसी पुराने दर्द से छुटकारा पाने के लिए सेज का तेल को गर्म करके लगाने से दर्द से आराम मिलता है।
सेज के कुछ प्रकार
सेज के कई प्रजातियां पाई जाती हैं जिनकी खेती भारत के अलावा पूरे विश्व में की जाती है। जैसे क्लीवलैंड सेज जिसे कैलिफोर्निया में उगाया जाता है, इसके अलावा हाइब्रिड सेज, यूरोप में उगाई जाने वाली गार्डन सेज, कैनरी आइलैंड सेज, मैक्सिकन बुश सेज, ऑटम सेज इसकी कुछ प्रजातियां है।
सेज के पत्तों के नुक्सान (Side Effects of Sage Leaves in Hindi)
सेज पत्तों की तासीर गर्म होती है इसलिए इनका ज्यादा सेवन करने से सेहत पर बुरा असर पड़ सकता है।
कुछ लोग वजन जल्दी घटाने के चक्कर में सेज के पत्तों का अधिक मात्रा में सेवन करने लग जाते हैं जो सही नहीं है क्योंकि इनके अधिक सेवन से चक्कर आना, दिल की धड़कनों का बढ़ना जैसी समस्या हो सकती है।
सेज के पत्तों के अधिक सेवन से गुर्दों को भी नुक्सान पहुंच सकता है।
सेज के पत्तों की बनी चाय को सुबह पिया जा सकता है लेकिन दिन में एक कप से ज्यादा का सेवन घातक साबित हो सकता है।
हमें उम्मीद है की आपको हमारा यह लेख काफी पसंद आया होगा और आपको आपके प्रश्न सेज के पत्तों के फायदे (Sage ke patto ke fayde), प्रयोग विधि (Uses), किस्में (Different types) और संभव नुक्सान(Side Effects) का उत्तर मिल गया होगा और उसके साथ ही अन्य रोचक जानकारियां भी पसंद आयी होंगी अगर आप इस सम्बन्ध में कोई और जानकारी चाहते हैं तो नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स में अपना कमेंट लिख के सब्मिट करें और हम जल्द ही आपके सवाल का जवाब देंगे और अगर आपको हमारा ये लेख पसंद आया तो लाईक करें और शेयर करें।