मक्के के आटे (Maize Flour) और कॉर्न फ्लोर (Corn Flour) को अमूमन एक ही समझा जाता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह मक्की का आटा और कॉर्न फ्लोर या स्टार्च, मक्की के दानों के ही दो अलग-अलग रूप हैं।
आज के इस लेख में हम इन्ही बातों पर चर्चा करेंगे कि मक्की के आटे और कार्न फ्लोर में क्या अंतर होता है और साथ ही हम कॉर्नफ्लोर (cornflour) के फायदे (benefits of cornflour), प्रयोग विधि (How to use cornflour), किस्में(Different types of cornflour) और संभव नुक्सान (Side effects of cornflour) के बारे में चर्चा करेंगे।
मुख्य बिंदु
- मक्की के आटे और कॉर्न फ्लोर में क्या अंतर है ?
- कॉर्न फ्लोर के फायदे बताएं ?
- कॉर्न फ्लोर से क्या-क्या बनाया जा सकता है ?
- मक्की के आटे के फायदे बताएं ?
- मक्की के आटे से क्या-क्या बनाया जा सकता है ?
- कॉर्न फ्लोर और मक्की के आटे के नुक्सान बताएं ?
मक्की के आटे और कॉर्न फ्लोर में क्या अंतर है ?
मक्की के दानों(Corn Seed) से ही मक्की का आटा (Makki ka aata) और कॉर्न स्टार्च (corn starch) या जिसे कॉर्न फ्लोर (Corn Flour) कहा जाता है, बनाया जाता है।
मक्के को इंग्लिश में मेज़ (Maze) और इसके दानों को कॉर्न सीड कहा जाता है। एक मक्के के दाने के तीन भाग होते हैं। और इसके इन्हीं तीन हिस्सों से मक्की का आटा और कॉर्नफ्लोर या कॉर्नस्टार्च बनाया जाता है।
मक्की के दाने के सबसे ऊपरी हिस्से को सीड कवर कहते हैं। यह सीड कवर पीले रंग का होता है। जब मक्की के दानों को निकालकर इन्हें सुखाकर पीस लिया जाता है तब मक्की का आटा यानि मेज फ्लोर (Maze Flour) बनता है।
इसके दूसरे हिस्से को इंडोस्पर्म कहते हैं
कॉर्न सीड के तीसरे हिस्से को एमब्रीओ कहा जाता है। यह सफेद रंग का होता है।
कॉर्न स्टार्च या कॉर्नफलोर (what is corn flour in hindi) को मक्की के दाने के तीसरे हिस्से यानि एमब्रीओ को सुखाकर और पीसकर बनाया जाता है। यह सफेद रंग का होता है जो आटे का ही एक रूप माना जा सकता है।
कॉर्न फ्लोर के फायदे (Benefits of Cornflour in Hindi)
- जिन लोगों को ग्लूटन से एलर्जी होती है वे लोग खाने में कॉर्न स्टार्च का इस्तेमाल कर सकते हैं।
- कॉर्न स्टार्च स्वादरहित होता है। इसलिए किसी भी खाने की वस्तु को बनाने में जब इसका इस्तेमाल किया जाए तो इसका टेस्ट नहीं आता है।
- कॉर्नफ्लोर में पाए जाने वाले पॉलीफेनोल्स एंटीओक्सिडेंट शरीर में आई सूजन को कम करके स्वास्थ्य सुधारने में महत्वपूर्ण योगदान देता है।
- कार्न स्टार्च में फाइबर भी अच्छी मात्रा में पाया जाता है। 100 ग्राम के हिस्से में तकरीबन 2 से 3 ग्राम फाइबर पाया जाता है। इसमें प्रोटीन भी अधिक मात्रा में पाया जाता है।
- कॉर्नस्टार्च में अघुलनशील फाइबर जैसे ऐमिलोस, सेल्यूलोस और लिग्निन पाए जाते हैं। फाइबल में मौजूद यह तत्व पाचन प्रक्रिया को आसान कर देते हैं जिससे आँतों को फायदा होता है।
- जिन मरीजों को ग्लाइकोजन स्टोरेज नामक रोग होता है उनमें ब्लड शुगर के लेवल को बनाये रखने के लिए कॉर्नफ्लोर को खाने में प्रयोग करने की सलाह दी जाती है।
कॉर्न फ्लोर से क्या-क्या बनाया जा सकता है ?
- कॉर्न फ्लोर का प्रयोग फालूद सेब बनाने में किया जाता है।
- आईसक्रीम और कुल्फी को ज्यादा स्मूद और क्रीमी बनाने के लिए कॉर्न फ्लोर का प्रयोग किया जाता है।
- खाने की ग्रेवी को गाढ़ा करने के लिए कॉर्न फ्लोर का इस्तेमाल किया जा सकता है।
- छेना की मिठाईयों जैसे रस मलाई, रसगुल्ला आदि में बाईडिंग के लिए कार्न फ्लोर का प्रयोग किया जाता है। इससे छेना चाश्नी में नहीं घुलता।
- टमाटर सॉस, कस्टर्ड पाउडर के लिए अलावा कराची हलवा बनाने में कॉर्न फ्लोर का इस्तेमाल किया जाता है।
- टिक्की या कटलेट की कोटिंग करने के लिए कॉर्न स्टार्च का प्रयोग किया जाता है।
- पकौड़े, फ्रेंच फ्राईज आदि को अधिक क्रिस्पी बनाने लिए भी कॉर्न फ्लोर का इस्तेमाल किया जाता है।
मक्की के आटे के फायदे
- ऑर्गेनिक तौर पर उगाया गया मक्का जिसके दानों का प्रयोग आटा बनाने के लिए किया जाता है, उसमें काफी मात्रा में फाइबर, एंटीऑक्सीडेंट और रेसिस्टेंट स्टार्च पाया जाता है, जिससे शरीर के विभिन्न हिस्सों के सुचारू तौर पर संचालन में मदद मिलती है।
- मक्की के आटे में यदि ज्वार और बाजरा मिलाकर इसकी रोटी बनाए जाए तो काफी फायदेमंद साबित होता है।
- कैंसर जैसे खतरनाक रोगों से बचाने में मदद करता है।
- मक्की के आटे में विटामिन-सी बायो-फ्लोराईड, कैरोटिनॉयड्स जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं।
- इसमें कार्बोहाईड्रेटस भी भरपूर मात्रा में पाया जाता है जिससे शरीर पूरा दिन एनर्जेटिक रहता है।
- मक्की के आटे में पाए जाने वाले फाइबर की वजह से कब्ज की समस्या से भी राहत मिलती है।
- मक्की के आटे में पाए जाने वाले विटामिन-बी से हाईपरटेंशन की समस्या भी दूर होती है।
मक्की के आटे से क्या-क्या बनाया जा सकता है ?
- मक्की के आटे का प्रयोग रोटी बनाने के लिए किया जाता है।
- मक्की के आटे का हलवा भी लोग बड़े चाव से बनाकर खाते हैं।
- मक्की के आटे को क्रिस्पी पकौड़े बनाने में इस्तेमाल किया जाता है।
- मक्की के आटे का प्रयोग भजिया बनाने में भी किया जाता है।
- मक्की के आटे में मेथी, अजवायन आदि मिलाकर हेल्दी रोटी बनाई जा सकती है।
- मक्की के आटे का प्रयोग ढोकला बनाने में भी किया जाता है।
- मक्की के आटे से स्टफ्ड परांठे भी बनाए जाते हैं।
कॉर्न फ्लोर और मक्की के आटे के नुक्सान (Side Effects f Cornflour in Hindi)
- बाजार में मिलने वाले कॉर्न जेनेटिकली संशोधित किये जाते हैं इसके अलावा इन पर हानिकारक कीटनाशकों को भी छिड़का जाता है। कीटनाशक हमारी सेहत के लिए हार्मफुल होते है।
- कॉर्न स्टार्च से बने फ्रक्टोस कॉर्न सिरप से कैंसर, फैटी लीवर, हाई कोलेस्ट्रॉल और डायबिटीज जैसी खतरनाक बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।
- मक्की के आटे में कैलोरी बहुत अधिक होती है इसके 100 ग्राम के हिस्से में 342 कैलोरी होती है।इसके अलावा इसमें कार्बोहाइड्रेट भी बहुत अधिक होता है, जिससे वजन बढ़ता है।
- मक्की के आटे में कार्बोहाइड्रेट अधिक होने के कारण इससे डायबिटीज के मरीजों में ब्लड ग्लूकोस का लेवल एकदम बढ़ जाता है
- कॉर्नफ्लोर का खाने में ज्यादा प्रयोग करने से शरीर में खराब कोलेस्ट्रॉल डीएल बढ़ सकता है।
- यदि कार्न फ्लोर शरीर में ऑक्सीडाइज्ड हो जाए तो एथेरोस्क्लेरोसिस का कारण बन सकता है।
- मक्की के आटे के अधिक प्रयोग से हार्ट संबंधी बीमारियां होने का खतरा भी बढ़ जाता है।
हमें उम्मीद है की आपको हमारा यह लेख काफी पसंद आया होगा और आपको आपके प्रश्न कॉर्नफ्लोर क्या होता है? (What is Corn flour in hindi) इसके फायदे (corn flour ke fayde), प्रयोग विधि, नुक्सान (Side effects of Corn flour) और मक्के के आटे (Makke ka aate) और कॉर्न फ्लोर में अंतर का उत्तर मिल गया होगा और उसके साथ ही अन्य रोचक जानकारियां भी पसंद आयी होंगी अगर आप इस सम्बन्ध में कोई और जानकारी चाहते हैं तो नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स में अपना कमेंट लिख के सब्मिट करें और हम जल्द ही आपके सवाल का जवाब देंगे और अगर आपको हमारा ये लेख पसंद आया तो लाईक करें और शेयर करें।