डीजीओ की फुल फोर्म डिप्लोमा इन गायनेकोलॉजी ऐंड ऑब्स्टेट्रिक्स (Diploma in Gynecology and Obstetrics) या साधारण भाषा में कहें को स्त्री रोग विशेषज्ञ।
यह प्रसूति एवं स्त्री रोग से सम्बंधित कोर्स होता है।
इस कोर्स के जरिए प्रसूति एवं स्त्री रोग स्पेशलिस्ट को महिला प्रजनन अंगों के स्वास्थ्य की देखभाल और गर्भावस्था के प्रबंधन में निपुण बनाया जाता है।
जब भी व्यक्ति को किसी तरह की स्वास्थ्य समस्या होती है तो वह डॉक्टर के पास ही जाता है।
लेकिन शरीर की विभिन्न तरह की स्वास्थ्य समस्याओं के लिए आज के समय में एक अलग डॉक्टर होता है, जो उस क्षेत्र का विशेषज्ञ होता है। वह व्यक्ति की परिस्थिति का गहराई से अध्ययन करके उसका एकदम सही उपचार करता है।
ऐसी ही एक शाखा है गायनेकोलॉजी। गायनेकोलॉजिस्ट को स्त्री रोग विशेषज्ञ भी कहा जाता है, जो महिलाओं की विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं का उपचार करती हैं।
स्त्री रोग और प्रसूति में डिप्लोमा एक विशेषज्ञता डिप्लोमा कोर्स है जिसे एमबीबीएस या बीएएमएस कोर्स पूरा होने के बाद किया जा सकता है।
यह एक पोस्ट-ग्रेजुएट डिप्लोमा कोर्स है जो 2 साल से अधिक समय तक चलता है और इसे 4 सेमेस्टर में विभाजित किया जाता है। पाठ्यक्रम का अधिकांश प्रसूति प्रसूति देखभाल और महिला प्रजनन और बीमारियों के साथ प्रसूति से संबंधित है।
इस कोर्स के लिए न्यूनतम पात्रता किसी मान्यता प्राप्त कॉलेज / विश्वविद्यालय से एमबीबीएस या बीएएमएस प्रणाली में 50% है।
यह पाठ्यक्रम दोनों प्रसूति के साथ काम करता है जो एक वर्ष के अध्ययन और स्त्री रोग के लिए केंद्रित है, जो अध्ययन के दूसरे वर्ष के दौरान केंद्रित है।
महिला स्वास्थ्य देखभाल और मातृत्व देखभाल में बढ़ती मांग के कारण इस पाठ्यक्रम के स्नातकों के लिए कई रोजगार के अवसर हैं। अपने उच्च नौकरी जोखिम के कारण, वे अक्सर आकर्षक वेतनमान प्रदान करते हैं।
स्त्री रोग और प्रसूति में डिप्लोमा एक विशेषज्ञता का डिप्लोमा कोर्स है जिसे स्त्री रोग में रुचि रखने वाले उम्मीदवार द्वारा पीछा किया जा सकता है। पाठ्यक्रम की अवधि 2 वर्ष है जिसमें अध्ययन के 4 सेमेस्टर शामिल हैं।
यह कोर्स मुख्य रूप से महिला प्रजनन अंगों के साथ काम करने वाली सर्जिकल विशेषताओं के अध्ययन पर केंद्रित है।
एमबीबीएस या बीएएमएस में न्यूनतम 50% के साथ एक उम्मीदवार इस पाठ्यक्रम में प्रवेश पाने के लिए योग्य है।
स्त्री रोग विशेषज्ञ महिला अंगों और प्रजनन प्रणाली के स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों से संबंधित चिकित्सा विज्ञान की शाखा में विशेषज्ञ हैं।
पेशेवरों के रूप में, स्त्री रोग विशेषज्ञ महिलाओं के स्वास्थ्य पर ध्यान केंद्रित करते हैं, महिलाओं के लिए एक प्राथमिक चिकित्सक और अन्य चिकित्सकों के परामर्शदाता के रूप में कार्य करते हैं।
उन्हें प्रजनन प्रणाली में रोगों और विकारों के निदान और उपचार के लिए प्रशिक्षित किया जाता है। स्त्री रोग विशेषज्ञ गर्भावस्था, यौन स्वास्थ्य और बांझपन या प्रजनन कैंसर जैसी गंभीर प्रजनन समस्याओं के उपचार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
स्त्री रोग विशेषज्ञ का काम महिला जननांग, मूत्र और मलाशय के अंगों से संबंधित बीमारी और मुद्दों की पहचान करना है, रोगी को ठीक करना है और यदि आवश्यक हो, तो विकार को ठीक करने या रोगग्रस्त अंग को हटाने के लिए आवश्यक चिकित्सा सहायता या सर्जरी करते हैं।
स्त्री रोग विशेषज्ञ बनने के लिए, उम्मीदवारों को एमडी (डॉक्टर ऑफ मेडिसिन)/ एमएस (मास्टर ऑफ सर्जरी)/ डीएनबी (डिप्लोमेट ऑफ मेडिसिन) या स्त्री रोग (डीजीओ) में डिप्लोमा कोर्स करना पड़ता है।
इसके अलावा करीबन साढ़े चार साल का एमबीबीएस प्रोग्राम और एक साल की इंटर्निशप करने के बाद आप गायनेकोलॉजी में पोस्टग्रेजुएट कर सकते हैं।
पोस्ट ग्रेजुएट प्रोग्राम्स (एमडी/एमएस/डीएनबी) आमतौर पर 3 साल की अवधि के होते हैं। स्त्री रोग (डीजीओ) पाठ्यक्रम में डिप्लोमा 2 वर्ष की अवधि का है।
पोस्ट ग्रेजुएट प्रोग्राम के लिए चयन प्रवेश परीक्षा के माध्यम से होता है। निजी मेडिकल कॉलेजों के मामले में संस्थानों द्वारा व्यक्तिगत रूप से प्रवेश परीक्षाएं आयोजित की जाती हैं। स्त्री रोग विशेषज्ञ के पास जॉब की कोई कमी नहीं होती।
आप सरकारी अस्पतालों से लेकर निजी अस्पतालों, क्लीनिक, आदि में काम कर सकते हैं। इसके अलावा आप मेडिकल स्कूल या संस्थान में बतौर गायनेकोलोजी लेक्चरर के रूप में काम कर सकते हैं। इतना ही नहीं, आप खुद का क्लीनिक भी खोल सकते हैं।
स्त्री रोग विशेषज्ञ का वेतन उनकी शैक्षिक डिग्री, वर्क एक्सपीरियंस, रोजगार के स्थान पर निर्भर करता है। एक फ्रेशर का वेतन 15000 से 30000 रूपए प्रतिमाह हो सकता है।
वहीं चार−पांच वर्षों के अनुभव के बाद आपकी सैलरी 40000 से 80000 रूपए प्रतिमाह हो सकती है। सीनियर लेवल पर यह सैलरी 100000 से 200000 प्रतिमाह हो सकती है।
स्त्री एवं प्रसूति रोग से संबंधित पाठ्यक्रमों में अंडरग्रेजुएट व पोस्ट ग्रेजुएट दोनों तरह के कोर्स शामिल हैं। अंडरग्रेजुएट कोर्स में प्रवेश पाने के लिए छात्र को 12वीं/इंटरमीडिएट की परीक्षा साइंस स्ट्रीम (फिजिक्स, केमिस्ट्री व बायोलॉजी) के साथ पास होना जरूरी है।
इसके बाद मेडिकल एंट्रेंस एग्जाम में बैठना पड़ता है। यदि छात्र इस प्रवेश परीक्षा में सफल हो जाते हैं, तो उन्हें एमबीबीएस प्रोग्राम में दाखिला मिल जाता है।
पोस्टग्रेजुएट प्रोग्राम के लिए प्रोफेशनल्स के पास एमबीबीएस की डिग्री होनी चाहिए। इसके बाद एमएस, एमडी व डिप्लोमा कोर्स में प्रवेश मिलता है। कोर्स पूरा होते ही मेडिकल एसोसिएशन में रजिस्ट्रेशन कराया जा सकता है।
कोर्स से जुड़ी जानकारी गायनेकोलॉजी बनने के लिए प्रोफेशनल्स को एमबीबीएस के बाद 2 वर्षीय सुपर स्पेशलिस्ट प्रोग्राम करना आवश्यक है।
इस कोर्स के जरिए प्रोफेशनल्स को गायनोकोलॉजी से संबंधित पूरी जानकारी प्रदान की जाती है। कुछ प्रमुख कोर्स हैं- एमएस इन गायनेकोलॉजी ऐंड ऑब्स्टेट्रिक्स एमडी इन गायनेकोलॉजी ऐंड ऑब्स्टेट्रिक्स डिप्लोमा इन गायनेकोलॉजी ऐंड ऑब्स्टेट्रिक्स |
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