भारतीय संविधान के पार्ट-15 अर्थात आर्टिकल 324 और 329 में चुनाव संबंधी विस्तार पूर्वक वर्णन किया गया है।
आर्टिकल 324 में कहा गया है कि भारत में एक स्वतंत्र चुनाव आयोग (Election Commission) होगा जो स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव करवाएगा।
इसके अलावा आर्टिकल 324 यह भी कहता है कि पार्लियामेंट अर्थात राज्यसभा और लोकसभा, स्टेट असेंबली अर्थात विधानसभा, राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति की चुनावी प्रक्रिया चुनाव आयोग द्वारा ही करवाई जाएगी।
इस लेख में हम आपको EC से संबंधित कई ऐसी महत्वपूर्ण जानकारियां जैसे EC की फुल फॉर्म क्या है, EC के मुख्य काम क्या है इत्यादि उपलब्ध करवाएंगे जो आपके सामान्य ज्ञान को बढ़ाने में काफी मददगार साबित हो सकती हैं।
EC की फुल फॉर्म क्या है (EC full form)
EC full form in hindi, EC की फुल फॉर्म होती है, Election Commission जिसे हिन्दी में इलेक्शन कमीशन, चुनाव आयोग या निर्वाचन आयोग कहा जाता है।
चुनाव आयोग के कार्य
- मतदाताओं की Voter List बनाने के अलावा Election Photo Identity Card जारी करना।
- लोकसभा, राज्यसभा, राज्य विधानसभाओं, राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के चुनाव संबंधी पूर्ण प्रक्रिया करवाना
- आम चुनाव और उप-चुनाव करवाने के लिये चुनाव कार्यक्रम तय करना।
- मतदान केंद्र तय करना, मतगणना केंद्रों के लिये स्थान सुनिश्चित करना।
- मतगणना केंद्रों में आवश्यक व्यवस्थाएँ करने के साथ सभी संबंधित कार्यों का प्रबंधन करना।
- राजनीतिक दलों को मान्यता प्रदान करना।
- राजनीतिक दलों को चुनाव चिह्न आवंटित करना।
- चुनावों में आदर्श आचार संहिता लागू करना।
- निर्वाचन आयोग यह सुनिश्चित करता है कि राजनीतिक दल और उम्मीदवारों द्वारा कोई असामाजिक और अनैतिक कार्य न किया जा रहा हो।
- उम्मीदवारों के चुनाव अभियान खर्च की सीमा निर्धारित करना।
- चुनावों में समानता, निष्पक्षता और स्वतंत्रता स्थापित करना।
- मतदाताओं में चुनाव प्रणाली के प्रति विश्वास बढ़ाना।
राज्य निर्वाचन आयोग (State Election Commission)
73rd और 74th संसोधन में भारत में पंचायत और मयुन्सिपैलिटी को Introduce किया गया था।
Municipality, जिला परिषद, ग्राम पंचायत, पंचायत समिति के अलावा बाकी सभी local Authorities के चुनाव निर्वाचन आयोग नहीं करवाता बल्कि राज्य निर्वाचन आयोग (State Election Commission) द्वारा करवाए जाते हैं।
स्टेट इलेक्शन कमीशन और इलेक्शन कमीशन दो different और independent Authorities हैं।
चुनाव आयोग की स्थापना
भारतीय संविधान के अनुसार चुनाव आयोग की स्थापना 25 जनवरी, 1950 को की गई थी।
चुनाव आयोग संबंधी कुछ अन्य महत्वपूर्ण जानकारियां
1) भारत के पहले चुनाव आयुक्त सुकुमार सेन थे।
2) भारत में पहला आम-चुनाव 1951 से 1952 के बीच कराया गया था। जिसमें 17.3 करोड़ के करीब रजीस्टर्ड वोटर्स के नाम दर्ज किए गए थे।
3) पहले जनरल इनेक्शन से लेकर 2019 तक 17 आम चुनाव कराए जा चुके हैं।
4) नागरिकों का चुनाव देने का अधिकार मौलिक अधिकार न होकर हमारा संवैधानिक अधिकार है।
5) 1950 से 1989 तक चुनाव आयोग में एक ही चुनाव आयुक्त की नियुक्ति की गई थी।
6) 16 अक्तूबर, 1989 को राष्ट्रपति द्वारा एक अधिसूचना जारी की गई जिसमें निर्वाचन आयोग को 3 सदस्यीय बनाने का निर्णय लिया गया।
7) 1990 को चुनाव आयोग को पुनः एक सदस्यीय आयोग बना दिया गया।
8) लेकिन 1993 को चुनाव आयोग को फिर से 3 सदस्यीय बना दिया गया।
9) वर्तमान में हमारे निर्वाचन आयोग में एक मुख्य निर्वाचन आयुक्त और 2 चुनाव आयुक्त होते हैं।
10) इन तीनों को राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त किया जाता है और इन तीनों की शक्तियां भी समान होती हैं।
11) मुख्य निर्वाचन अधिकारी IAS रैंक के अधिकारी को ही नियुक्ति किया जाता है।
12) मुख्य निर्वाचन आयुक्त और चुनाव आयुक्त का कार्यकाल 6 वर्ष या 65 वर्ष की आयु (जो भी पहले पूरा हो जाए) का होता है।
13) इन्हें भारत के सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के समान दर्जा प्राप्त होता है और समान वेतन एवं भत्ते मिलते हैं।
14) संसद द्वारा भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त को उसके पद से उसी प्रकार हटाया जाता है जैसे सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश को हटाया जाता है।
15) मुख्य चुनाव आयुक्त को दुर्व्यवहार या पद के दुरुपयोग का आरोप साबित होने पर या किसी अक्षमता की स्थिति में संसद प्रस्ताव तैयार करके भी पद से हटा सकता है।
आज के लेख में आपने जाना कि EC की फुल फॉर्म क्या है, EC के मुख्य काम क्या है और साथ ही निर्वाचन आयोग अर्थात EC से संबंधित कई महत्वपूर्ण जानकारियां हासिल की।
आशा करते हैं कि आपको यह जानकारियां पसंद आई हों।
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