MBBS की फुल फॉर्म है बैचलर ऑफ मेडिसिन एण्ड बैचलर ऑफ सर्जरी (Bachelor of Medicine and Bachelor of Surgery (MBBS) जिसे हिंदी में चिकित्सा स्नातक और शल्य चिकित्सा स्नातक कहा जाता है।
MBBS की डिग्री हासिल करने के बाद ही आप एक एलीजिबल Doctor बनते हैं। MBBS मेडिकल फील्ड में Graduation Degree का Course है।
एमबीबीएस का कोर्स 5.5(साढ़े पांच साल) साल का होता है। इसके बाद 10 महीने का इंटर्नशिप प्रोग्राम होता है।
एमबीबीएस करने के लिए आपको 12th में Biology, Physics और Chemistry विषयों में 50 प्रतिशत अंक लाना अनिवार्य शर्त होती है।
Why Should we do MBBS
डॉक्टर को भग्वान का दूसरा रूप माना जाता है। वर्तमान में कोरोना जैसे खतरनाक बीमारी का कहर पूरा विश्व झेल रहा है।
विश्व में समय-समय पर कई एसी बीमारियों ने आपदा लाई है जिनसे केवल डॉक्टर ही हमें बचा सकते हैं।
इस आपदा के समय में पूरे विश्व में डॉक्टर्स की डिमांड जिस तेजी से बढ़ रही है, उसे देखते हुए कहा जा सकता है कि एमबीबीएस की स्टडी करना एक अच्छे विकल्प की ओर कदम बढ़ाने जैसा है।
NEET
यदि आप भी एमबीबीएस करना चाहते हैं तो आपका NEET परीक्षा में उत्तीर्ण होना अनिवार्य होता है।
तभी आप किसी भी सरकारी या गैर सरकारी कॉलेज जैसे AIIMS, JIPMER और AFMC या विदेश में भी किसी मेडिकल कॉलेज या यूनिवर्सिटी में दाखिला ले सकते हैं।
MBBS Fee Structure
यदि आप भारत से MBBS Course करना चाहते हैं तो Private एवं Government College दोनों विकल्प मौजूद होते हैं। लेकिन इनकी फीस में बहुत अंतर होता है।
अगर सरकारी मेडिकल कॉलेज की बात करें तो सबसे कम फीस AIIMS की है। AIIMS में फीस केवल 1390 रुपए प्रति साल हैं जबकि Army Medical College की फीस 56500 रुपए प्रति साल है।
वर्तमान में भारत में सरकारी मेडिकल सीट हासिल करना आसान नहीं रह गया है। साल 2020 में केवल 67,000 मेडिकल सीटों के लिए लगभग 15.9 लाख छात्रों ने NEET की परीक्षा दी थी।
लेकिन मेडिकल एस्पिरेंट्स की कड़ी मेहनत करने के बाद भी सीट हासिल करना काफी कठिन हो गया। मैडिकल सीटों और एस्पीरेंटस के बीच की रेशो ही सबसे ज्यादा होती है।
2020 में केवल 5% मेडिकल छात्रों ने मेडिकल सीट हासिल की थी। 10k रैंक के अंडर आने के बाद भी मेडिकल एस्पिरेंट को भी मेडिकल सीट मिलना मुश्किल हो गया था।
इसके अलावा मेडिकल की स्टडी भारत में दिनों-दिन महंगी होती जा रही है। भारत के प्राईवेट मैडिकल इंस्टीच्यूटस का फीस स्ट्रक्चर मिडल-क्लास सोसायटी के लिए बजट से पूरी तरह बाहर है।
यदि आप भारत में किसी निजि कॉलेज में एडमिशन चाहते हैं तो आपको प्रतिवर्ष 12,00,000 लाख से लेकर 28,00,000 लाख तक की फीस चुकानी पड़ती है।
अंतरराष्ट्रीय कॉलेज या यूनिवर्सिटी में MBBS का टोटल खर्च 15 से 25 लाख के बीच रहता है। इसी वजह से वर्तमान में मेडिकल एस्पिरेंटस विदेशी कॉलेजों का भी रुख कर रहे हैं।
NMC
यदि आप किसी विदेशी कॉलेज में MBBS करने जा रहे हैं इतना जरूर ध्यान रखें कि संबंधित कॉलेज या यूनिवर्सिटी का NMC रजिस्टर्ड होना अनिवार्य होता है।
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