पेटेंट एक अधिकार है जो किसी व्यक्ति या संस्था को किसी बिल्कुल नई सेवा,तकनीकी, प्रक्रिया, उत्पाद या डिज़ाइन के लिए प्रदान किया जाता है ताकि कोई उनकी नक़ल नहीं तैयार कर सके।
दूसरे शब्दों में पेटेंट एक ऐसा कानूनी अधिकार है जिसके मिलने के बाद यदि कोई व्यक्ति या संस्था किसी उत्पाद को खोजती या बनाती है तो उस उत्पाद को बनाने का एकाधिकार प्राप्त कर लेती है।
यदि पेटेंट धारक के अलावा कोई और व्यक्ति या संस्था इसी उत्पाद को बनाती है तो यह गैरकानूनी होगा और यदि पेटेंट धारक ने इसके खिलाफ शिकायत दर्ज करा दी तो पेटेंट का उल्लंघन करने वाला कानूनी मुश्किल में पड़ जायेगा. बिज़नेस या आइडिया कॉपी किए जाने का डर भी वाजिब होता है।

ऐसे में पेटेंट एक अच्छा उपाय हो सकता है। इसे लेकर आपके मन में कई सवाल भी हो सकते हैं, जैसे कि क्या आपके उत्पाद का पेटेंट हो सकता है कि नहीं या आप ख़ुद किसी उत्पाद का पेटेंट करा सकते हैं या नहीं?
सबसे पहले तो ये समझने की ज़रूरत है कि पेटेंट एक अधिकार है जो उस व्यक्ति या संस्था को किसी बिल्कुल नई सेवा, प्रक्रिया, उत्पाद या डिज़ाइन के लिए प्रदान की जा सकती है ताकि कोई उनकी नक़ल नहीं तैयार कर सके।
पेटेंट की अवधि 20 साल तक के लिए होती है और हर देश के लिए अलग से प्रविष्टि देनी होती है।
जैसे कि भारत में पेटेंट रजिस्ट्रेशन होने पर उसका दायरा भारत भर में होगा।
लेकिन अगर अमरीका या किसी और देश में कोई व्यक्ति भारत में पेटेंट किए उत्पाद या सेवा की नकल बनाएगा तो उसे उलंघन नहीं माना जाता।
भारत में पेटेंट प्रोसेस को लेकर अब भी जागरूकता की काफी कमी है। यही वजह है कि आइडिया और आविष्कार होते हुए भी पहचान नहीं मिल पाती है।
प्रत्येक देश में पेटेंट के लिए अलग से आवेदन करना होता है. इसलिए ये ज़रूरी है कि आवेदक ये जांच लें कि उनका उत्पाद को किन देशों में प्रयोग किया जा सकता है ताकि उन्ही देशों में आवेदन किए जाए।
अगर आप अपने किसी उत्पाद, सेवा, प्रक्रिया या नई टेक्नोलॉजी को प्रतिद्वंद्विंयों द्वारा कॉपी किए जाने से बचाना चाहते हैं, तो सबसे पहले आपको अपनी खोज के व्यापारिक पहलुओं की जांच करनी चाहिए।
पेटेंट की प्रक्रिया खर्चीली होती है, इसलिए ज़रूरी है कि आप ये पहले से पता कर लें कि जिस उत्पाद का आप पेटेंट कराना चाहते हैं उसकी बाज़ार में मांग है या नहीं।
पेंटेट लॉ करियर के कई अवसर हैं। इसमें आप पेटेंट एटॉर्नी बनकर भी करियर बना सकते हैं। पेटेंट एटॉर्नी बनने के लिए एलएलबी की डिग्री की आवश्यकता भी नहीं होती है।
वाणिज्य मंत्रालय द्वारा आयोजित की जाने वाली परीक्षा को पास कर आप पेटेंट एटॉर्नी बन सकते हैं। इसके लिए उम्र कम से कम 21 वर्ष होनी चाहिए।
साइंस, इंजीनियरिंग या टेक्नोलॉजी में स्नातक या बायोलॉजी, केमेस्ट्री, फिजिक्स, कम्प्यूटर साइंस, इलेक्ट्रॉनिक, मेडिसिन आदि के विषय के विद्यार्थी भी इस परीक्षा को दे सकते हैं। इस क्षेत्र में पेटेंट एजेंट और पेटेंट एडवोकेट बनकर भी करियर संवारा जा सकता है।
पेटेंट दो प्रकार का होता है
1. उत्पाद पेटेंट
इसका मतलब यह है कि कोई व्यक्ति या संस्था किसी उत्पाद की हूबहू नकल का उत्पाद नही बना सकती है अर्थात दो उत्पादों की डिज़ाइन एक जैसी नही हो सकती है। यह अंतर उत्पाद की पैकिंग,नाम, रंग, आकार और स्वाद आदि का होता है।
2. प्रक्रिया पेटेंट
प्रक्रिया पेटेंट में किसी उत्पाद को बनाने की विधि को चोरी नही किया जा सकता है किसी भी नई तकनीकी पर भी पेटेंट लिया जा सकता है।
इस प्रकार के पेटेंट का मतलब यह होता है किसी भी व्यक्ति या संस्था किसी उत्पाद को बनाने के लिए उसी प्रक्रिया/तकनीकी से उत्पाद को नही बना सकता जिस प्रक्रिया से किसी उत्पाद को पहले ही किसी कम्पनी द्वारा बनाया जा चुका है।
कब करें अप्लाई
पेटेंट के लिए अप्लाई किया जाए या नहीं, यह फैसला लेते समय इस बात का फर्क पड़ता है कि कंपनी स्थाई है या फिर स्टार्टअप।
अगर आपके स्टार्टअप ने कोई नई टेक्नोलॉजी विकसित की है और आप चाहते हैं कि इस टेक्नोलॉजी को सीक्रेट रखा जाएगा फिर आपको पेटेंट के लिए अप्लाई करना चाहिए क्योंकि कोई भी बड़ी कंपनी भी इसका इस्तेमाल कर लेगी।
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