जिस महीने में सोमवार को अमावस्या पड़ती है, उसे हम सोमवती अमावस्या के नाम से जानते हैं। इस वर्ष, श्रावण मास की अमावस्या और सोमवार साथ-साथ पड़ रहे हैं, जिससे उस दिन को सोमवती अमावस्या कहा जा रहा है। इस खास दिन तीन शुभ संयोग बन रहे हैं।
सोमवती अमावस्या के दिन स्नान-दान करने से अक्षय पुण्य प्राप्त होता है। यह दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करने की विशेष मान्यता रखता है।
सावन मास की सोमवती अमावस्या इस साल 16 जुलाई की रात्रि 10:08 बजे से आरम्भ होगी और 18 जुलाई को मध्यरात्रि 12:01 बजे समाप्त होगी। लेकिन यदि हम उदयतिथि के आधार पर देखें, तो सोमवती अमावस्या 17 जुलाई को मनाई जाएगी।
17 जुलाई को सोमवती अमावस्या के दिन, आप सूर्योदय से लेकर स्नान और दान कर सकते हैं। इस दिन के लिए दो सुबह के शुभ मुहूर्त हैं – पहला है सुबह 5:34 से 7:17 तक, और दूसरा है सुबह 9:01 से 10:44 तक। इसके अलावा, दोपहर 12:00 बजे से 12:55 तक अभिजित मुहूर्त भी है।
इस साल सोमवती अमावस्या के दिन, सावन सोमवार, रुद्राभिषेक और सर्वार्थ सिद्धि योग जैसे तीन शुभ संयोग बन रहे हैं। इस दिन के व्रत से मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
सर्वार्थ सिद्धि योग 18 जुलाई को सुबह 5:11 से 5:35 तक है। सूर्योदय से सूर्योदय की तिथि मान्य होती है, इसलिए सोमवती अमावस्या की तिथि 18 जुलाई को सूर्योदय तक मान्य रहेगी।
सोमवती अमावस्या के दिन रुद्राभिषेक का भी संयोग बन रहा है। यह पूरे दिन के लिए शुभ माना जाता है।
स्नान और दान करने से पुण्य प्राप्त होता है, जबकि शिव और गौरी की पूजा से सुख, सौभाग्य और स्वास्थ्य प्राप्त होता है।